WCR जोन की ट्रेनों में सांपों का आतंक: गरीब रथ, दयोदय के बाद अब जनशताब्दी के एसी कोच में सांप, यात्रियों में हड़कंप
ट्रेनों में सांपों का खतरा: जनशताब्दी एक्सप्रेस के एसी कोच में निकला सांप, यात्रियों में दहशत
जबलपुर ( शिखर दर्शन ) // भारतीय रेलवे में सफर करने वाले यात्रियों के लिए ट्रेनों में सुरक्षा अब एक बड़ा सवाल बन गई है। लगातार हो रही घटनाएं इस ओर इशारा कर रही हैं कि ट्रेनों में सफर करना पूरी तरह सुरक्षित नहीं रह गया है। जनशताब्दी एक्सप्रेस के एसी कोच में सांप निकलने की ताजा घटना ने यात्रियों के बीच खलबली मचा दी।
भोपाल से जबलपुर आ रही जनशताब्दी एक्सप्रेस के एसी कोच में सांप देखा गया। यात्रियों ने जब सांप देखा तो दहशत में आ गए और तुरंत ट्रेन के स्टाफ को इसकी सूचना दी। ट्रेन को रोका गया और पूरी कोच की तलाशी ली गई। हालांकि, सांप को पकड़ने में कामयाबी नहीं मिल सकी, क्योंकि वह लोगों की नजरों से ओझल हो चुका था। इसके बाद जब स्टाफ ने कोच को सुरक्षित घोषित किया, तब ट्रेन को आगे बढ़ाया गया। लेकिन घटना के बाद पूरे सफर के दौरान यात्री भयभीत रहे।
लगातार हो रही घटनाएं, बढ़ता संकट
यह कोई पहली घटना नहीं है जब ट्रेन में सांप निकला हो। इससे पहले, 25 सितंबर को दयोदय एक्सप्रेस के एसी कोच में सांप निकला था। ट्रेन को कोटा स्टेशन पर डेढ़ घंटे तक रोका गया था, लेकिन सांप नहीं पकड़ा जा सका। यात्रियों को दूसरे कोच में शिफ्ट कर ट्रेन को रवाना किया गया।
इसके अलावा, 22 सितंबर को गरीब रथ एक्सप्रेस के एसी कोच में भी सांप निकलने की घटना सामने आई थी। जबलपुर से मुंबई जा रही इस ट्रेन को कसारा रेलवे स्टेशन पर रोका गया और कोच की तलाशी ली गई।
सिर्फ WCR जोन की ट्रेनों में क्यों?
सभी घटनाओं में एक बात समान है—ये सभी ट्रेनें WCR (पश्चिम मध्य रेलवे) जोन की थीं। यह सवाल खड़ा करता है कि क्या इस जोन में यात्रियों की सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरती जा रही है?
- मेंटेनेंस पर सवाल: क्या ट्रेनों का रखरखाव सही तरीके से नहीं हो रहा है?
- सुरक्षा की कमी: आरपीएफ और जीआरपीएफ द्वारा की जाने वाली चेकिंग की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
- सांप कहां से आते हैं? क्या ये सांप ट्रेनों में रखी चादर और कंबल के माध्यम से पहुंच रहे हैं?
रेलवे की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
इन घटनाओं ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था और मेंटेनेंस पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ट्रेनों में सांपों का निकलना न सिर्फ यात्रियों की जान को खतरे में डालता है, बल्कि भारतीय रेल की छवि को भी प्रभावित करता है। यात्रियों ने मांग की है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे तत्काल कदम उठाए और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
अब सवाल यह है कि रेलवे इन घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाएगा और कब तक यात्री खुद को सुरक्षित महसूस कर पाएंगे?