रायपुर: IIT भिलाई में अश्लीलता फैलाने वाले कॉमेडियन यश राठी के खिलाफ FIR दर्ज
रायपुर // भिलाई ( शिखर दर्शन ) IIT भिलाई के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम के दौरान स्टैंडअप कॉमेडियन यश राठी द्वारा कही गई अश्लील बातें सुर्खियों में हैं। कार्यक्रम के दौरान किए गए अश्लील टिप्पणियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ और जेवरा सिरसा चौकी पुलिस ने यश राठी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 296 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। इस घटना ने ना केवल IIT भिलाई की प्रतिष्ठा को सवालों के घेरे में डाला है, बल्कि समाज में संवेदनशील मुद्दों को लेकर जागरूकता और आक्रोश भी पैदा किया है।
घटना का विवरण
आईआईटी भिलाई का वार्षिक उत्सव कार्यक्रम, जो छात्रों, फैकल्टी और परिवारिक सदस्यों के लिए एक सांस्कृतिक और सामाजिक मिलन का अवसर था, उस दिन गंभीर विवाद में बदल गया। इस कार्यक्रम में स्टैंडअप कॉमेडियन यश राठी को आमंत्रित किया गया था, जिन्होंने अपने प्रदर्शन के दौरान न केवल असंवेदनशील और अश्लील टिप्पणियां कीं, बल्कि उन्होंने महिलाओं और ब्रेस्ट कैंसर पीड़ितों का मजाक भी उड़ाया। यश राठी ने मंच से ऐसी टिप्पणियां कीं, जो वहां उपस्थित दर्शकों के लिए असहनीय थीं।
प्रारंभ में यश राठी ने अंग्रेजी में अपने प्रदर्शन की शुरुआत की, जो अपेक्षाकृत सामान्य था। लेकिन जैसे ही उन्होंने हिंदी में बोलना शुरू किया, उनकी भाषा अश्लील हो गई। राठी के शब्दों के कारण वहां मौजूद अधिकांश लोग असहज महसूस करने लगे। खासकर महिलाओं के परिजनों और प्रोफेसरों ने इस घटना के बाद अपनी नाराज़गी जाहिर की और कई लोग तो कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर चले गए। इस प्रकार की टिप्पणियों ने आईआईटी भिलाई में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
विरोध और पुलिस की कार्रवाई
कार्यक्रम के बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के पदाधिकारियों ने IIT भिलाई के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने यश राठी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए एक ज्ञापन भी सौंपा। उनका आरोप था कि यश राठी ने मंच का दुरुपयोग किया और सार्वजनिक रूप से महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक बातें की। विरोध कर रहे छात्रों और नेताओं ने यह भी कहा कि ऐसे कृत्यों से संस्थान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।
विरोध प्रदर्शन के बाद जेवरा सिरसा चौकी पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए यश राठी के खिलाफ धारा 296 के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आयोजकों से भी पूछताछ की जा रही है कि कार्यक्रम के दौरान इस तरह की अश्लील टिप्पणियां कैसे होने दी गईं।
IIT भिलाई की ओर से प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद IIT भिलाई प्रबंधन की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है। प्रबंधन ने बयान जारी करते हुए कहा कि संस्थान के छात्रों और उपस्थित मेहमानों को मानसिक आघात पहुंचाने वाले इस कृत्य को गंभीरता से लिया जाएगा। IIT भिलाई के अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि कार्यक्रम में किसी भी तरह की असंवेदनशीलता को संस्थान समर्थन नहीं करता और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही आईआईटी भिलाई ने अपनी ओर से यह भी कहा कि वे भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कार्यक्रमों की कड़ी निगरानी करेंगे और आयोजकों से पूरी जिम्मेदारी लेने का आग्रह करेंगे। प्रबंधन ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं से संस्थान की गरिमा और संस्कार प्रभावित होते हैं और इसके लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।
आईआईटी के छात्रों का बयान
IIT भिलाई के छात्रों ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी। कई छात्रों ने कहा कि वे यश राठी के प्रदर्शन से पूरी तरह से असहमत थे और इस तरह की अश्लील टिप्पणियों ने उन्हें अपमानित महसूस कराया। एक छात्रा ने कहा, “यह बेहद दुखद और अस्वीकार्य था। इस तरह की टिप्पणियां हमारे संस्थान की गरिमा को नुकसान पहुंचाती हैं।” वहीं, एक अन्य छात्र ने कहा कि यश राठी का उद्देश्य सिर्फ हंसी मजाक था, लेकिन उनका तरीका बिल्कुल गलत था। “हंसी-मजाक करने का तरीका ठीक हो सकता था, लेकिन यह मामला पूरी तरह से सीमा पार कर गया,” उन्होंने कहा।
समाज में गुस्से की लहर
यश राठी के बयान ने न केवल IIT भिलाई में, बल्कि पूरे प्रदेश में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। महिलाओं और समाज के अन्य वर्गों ने इस घटना की आलोचना की और कहा कि यह हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक गरिमा के खिलाफ है। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर जमकर बहस हो रही है और लोग यश राठी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
अश्लील भाषण के विरोध में उठ रहे सवालों में यह भी शामिल है कि क्या इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजकों को पहले से इस तरह की प्रतिक्रियाओं का पूर्वानुमान नहीं था। क्या आयोजकों ने कार्यक्रम के कंटेंट को पहले से चेक नहीं किया था? कई लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि क्या आयोजकों ने यह सुनिश्चित किया था कि कार्यक्रम में शामिल सभी कलाकार समाज के संवेदनशील मुद्दों के बारे में जागरूक हैं और उनकी टिप्पणियां किसी भी प्रकार से असंवेदनशील नहीं होंगी?
यह घटना न केवल IIT भिलाई बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा करती है। संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान संवेदनशीलता और गरिमा का पालन किया जाना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार का मानसिक आघात या असुविधा न हो। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन यह भी आवश्यक है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सख्त नियम और दिशा-निर्देश लागू किए जाएं।
यह मामला यह भी दिखाता है कि हमारे समाज में महिलाओं और उनके अधिकारों को लेकर किस प्रकार की मानसिकता है और यह सवाल भी खड़ा करता है कि क्या समाज अब भी इस तरह की घटनाओं के प्रति जागरूक और संवेदनशील है।