14 नवंबर महाकाल आरती: भगवान महाकालेश्वर का विशेष श्रृंगार, मस्तक पर सर्प और चंद्र अर्पण
विशेष संवाददाता छमू गुरु की रिपोर्ट:
उज्जैन ( शिखर दर्शन ) // विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान महाकाल का विशेष अभिषेक और भव्य श्रृंगार किया गया। सुबह 4 बजे मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही आरंभ हुए इस पूजन में पहले भगवान का जल से अभिषेक किया गया। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया।
भगवान महाकालेश्वर को इस विशेष अवसर पर वैष्णव तिलक, भांग और विविध आभूषणों से सजाया गया, और उन्हें गणेश स्वरूप का दिव्य श्रृंगार प्रदान किया गया। महाकाल को उनकी प्रतिष्ठित भस्म चढ़ाई गई, और उनके मस्तक पर शेषनाग का रजत मुकुट, मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला, और सुगंधित पुष्पों से बनी फूलों की माला धारण कराई गई। पूजन के बाद भगवान को फलों और मिष्ठान का भोग अर्पित किया गया।
सवेरे हुई भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया। भक्तों ने नंदी महाराज के कान के समीप जाकर अपनी मनोकामनाएं पूरी होने का आशीर्वाद मांगा। पूरे मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं की ‘बाबा महाकाल’ के जयकारों से गूंज उठी, जिससे माहौल में भक्तिमय ऊर्जा का संचार हुआ।