बिलासपुर में साइबर अपराध पर रेंज स्तरीय कार्यशाला आयोजित: पुलिस जवानों को साक्ष्य संकलन और तकनीकी प्रशिक्षण का मिला मार्गदर्शन
बिलासपुर ( शिखर दर्शन ) // साइबर अपराध से जुड़े मामलों में अपराधियों को न्यायालय से सजा दिलाने में साक्ष्य संकलन की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए रेंज स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन चेतना भवन, बिलासपुर में किया गया, जिसमें पुलिस जवानों को साइबर अपराध की तकनीकी जानकारियों से अवगत कराया गया। पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) डॉ. संजीव शुक्ला और पुलिस अधीक्षक (एसपी) रजनेश सिंह के मार्गदर्शन में इस कार्यशाला का संचालन हुआ।
आइजी डॉ. संजीव शुक्ला ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि साइबर अपराधों में सफलता पाने के लिए विवेचकों को तकनीकी जानकारी होना अत्यावश्यक है। इससे साक्ष्य संकलन अधिक प्रभावी होगा, जिससे न्यायालय में साक्ष्य पेश कर अपराधियों को सजा दिलाई जा सकेगी। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में सीखी गई जानकारी से पुलिस जवान साइबर अपराध से जुड़े मामलों में और बेहतर ढंग से कार्य कर सकेंगे।
कार्यक्रम में एसपी रजनेश सिंह ने साइबर अपराधों की बढ़ती चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए थाना स्तर पर तकनीकी ज्ञान रखने वाले कर्मचारियों की अनिवार्यता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित कर्मचारी थानों में साइबर अपराध पीड़ितों की सहायता करने में अधिक सक्षम होंगे।
इस प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रधान आरक्षक और आरक्षक स्तर के 122 चुनिंदा कर्मचारियों को साइबर अपराधों से संबंधित तकनीकी जानकारियां दी गईं। इसमें साक्ष्य संकलन, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) विश्लेषण, और ओपन सोर्स इंटेलीजेंस जैसी महत्वपूर्ण विधाओं का प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यशाला का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रशिक्षित पुलिस कर्मचारी साइबर अपराध के मामलों में विशेषज्ञता हासिल कर सकें और समाज को साइबर खतरों से सुरक्षित रख सकें।