छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ ने सरकार को दी चेतावनी: मांगें पूरी न हुईं तो 25 को पैदल मार्च

रायपुर ( शिखर दर्शन ) // छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन की योजना बनाई है। इस क्रम में 11 नवंबर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्र में लागू की गई नीतियों की तर्ज पर राज्य में भी गारंटी लागू करने की मांग शामिल है।
शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि यह आंदोलन चरणबद्ध रूप से आगे बढ़ रहा है। पहले, सामूहिक अवकाश के माध्यम से अपनी मांगें उठाई गईं, और अब ज्ञापन सौंपकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा। संगठन के अनुसार, 11 नवंबर को सभी 146 विकासखंडों में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे। इसके बाद, 12 से 24 नवंबर तक मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, और विधायकों को मांग पत्र सौंपा जाएगा।
शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि इन प्रयासों के बावजूद सरकार की ओर से सकारात्मक कदम नहीं उठाए जाते हैं, तो 25 नवंबर को इंद्रावती भवन से महानदी भवन तक पैदल मार्च आयोजित किया जाएगा।
शिक्षक संघ की प्रमुख मांगें:
1. सभी शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करते हुए पूर्व सेवा गणना को मान्यता दी जाए।
2. सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगतियों को दूर करते हुए उन्हें क्रमोन्नति और समयमान वेतनमान प्रदान किया जाए।
3. समतुल्य वेतनमान में उचित वेतन निर्धारण किया जाए और 1.86 के गुणांक पर वेतन तय किया जाए।
4. केंद्र सरकार की तरह 1 जुलाई 2024 से 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता लागू किया जाए।
शिक्षक संघ के नेताओं का कहना है कि उनकी मांगे शिक्षकों के अधिकार और सम्मान से जुड़ी हैं, और यदि सरकार जल्द कोई निर्णय नहीं लेती, तो मजबूरन वे पैदल मार्च के माध्यम से अपना विरोध दर्ज करेंगे।