बस्तर में ग्रामीणों ने सुरक्षा के लिए की CAF कैंप बनाए रखने की मांग, नक्सल भय से मुक्ति के लिए किया प्रदर्शन

कांकेर, छत्तीसगढ़ ( शिखर दर्शन ) // छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र से एक आशाजनक तस्वीर सामने आई है, जो इस इलाके में बदलाव की उम्मीद जगाती है। कांकेर जिले के जाड़ेकुर्सी गांव के ग्रामीणों ने केंद्रीय सुरक्षा बल (CAF) कैंप की मौजूदगी को बनाए रखने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया है। बस्तर के गांवों में सुरक्षा बलों के कैंप का विरोध आम तौर पर देखने को मिलता रहा है, लेकिन यहां की स्थिति बिल्कुल अलग है।
कांकेर जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित लोहत्तर थाना क्षेत्र के जाड़ेकुर्सी गांव के ग्रामीणों ने जैसे ही CAF कैंप के हटने की खबर सुनी, पूरा गांव एकजुट हो गया और विरोध स्वरूप कैंप के सामने रातभर धरने पर बैठ गया। उन्होंने कैंप के बाहर खाना पकाकर अपने संकल्प का प्रदर्शन किया और सांसद को पत्र लिखकर कैंप को यथावत रखने की अपील की। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि कैंप हटाया गया तो वे व्यापक विरोध प्रदर्शन करेंगे।
नक्सलियों के भय से सुरक्षा की आस
ग्रामीणों का कहना है कि CAF कैंप की मौजूदगी से क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित हुई है और नक्सल आतंक का डर कम हुआ है। उनका मानना है कि यदि यह कैंप हटा दिया गया, तो क्षेत्र में नक्सलियों का फिर से आतंक बढ़ सकता है, जैसा कि अतीत में हुआ करता था।
विकास की ओर बढ़ते कदम
CAF कैंप की स्थापना के बाद गांव में न केवल सुरक्षा की स्थिति सुधरी है, बल्कि विकास भी हुआ है। ग्रामीण बताते हैं कि अब लोग सुरक्षित महसूस करते हुए अपनी आजीविका कमा रहे हैं, सड़कों का निर्माण हुआ है, और स्थानीय युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती होने के अवसर मिल रहे हैं। गांव में हुए इस बदलाव से लोग न केवल सुरक्षित हैं, बल्कि खुशहाल भी महसूस कर रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि CAF कैंप उनके जीवन में सुधार लेकर आया है, जिससे उनका जीवन सुरक्षित और स्वतंत्र बन सका है। उनका उद्देश्य यही है कि इलाके में नक्सलियों का आतंक न लौटे और विकास की प्रक्रिया जारी रहे।
बदलते बस्तर की तस्वीर
जाड़ेकुर्सी गांव के इस प्रदर्शन से बस्तर की बदलती तस्वीर साफ झलकती है, जहां ग्रामीण अब नक्सल भय से मुक्त होकर विकास और खुशहाली के संदेश को प्राथमिकता दे रहे हैं।