दिल्ली

भारत में मौत की सजा पर CJI चंद्रचूड़ ने AI वकील से की अहम चर्चा, जानिए मिला क्या जवाब

CJI चंद्रचूड़ ने AI वकील से की खास बातचीत, पूछा- क्या भारत में मौत की सजा संवैधानिक है?

नई दिल्ली। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। रिटायरमेंट से पहले गुरुवार को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से बने एक वकील से मौत की सजा पर सवाल किया। इस दौरान, AI वकील ने कोर्ट रूम की तरह सटीक तरीके से जवाब देकर सभी को हैरान कर दिया। CJI ने यह प्रश्न राष्ट्रीय न्यायिक संग्रहालय और आर्काइव के उद्घाटन के मौके पर किया।

CJI चंद्रचूड़ ने AI वकील से पूछा कि “क्या भारत में मौत की सजा संवैधानिक है?” जवाब में, वकील की पोशाक पहने खड़े इस AI ने पहले सोचने का आभास देते हुए हाथ जोड़े, फिर गहरी आवाज़ में तर्क करते हुए कहा, “भारत में मृत्युदंड संवैधानिक है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट इसे केवल जघन्य अपराधों में ही लागू करता है।” AI का यह जवाब सुनते ही CJI मुस्कुराते हुए अन्य जजों की ओर देखने लगे। इस अनूठे संवाद का वीडियो भी सामने आया है, जिसने लोगों के बीच कौतूहल पैदा कर दिया है।

“कोर्ट रूम का अनुभव आम लोगों तक पहुंचाना उद्देश्य”

कार्यक्रम में संग्रहालय के उद्घाटन पर CJI चंद्रचूड़ ने कहा, “यह संग्रहालय सुप्रीम कोर्ट की विशेषताओं और उसकी न्यायिक यात्रा को दर्शाता है। मैं चाहता हूँ कि यह जगह युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा का केंद्र बने, जहां वे कानून की गंभीरता और न्याय प्रक्रिया की महत्ता को समझ सकें।”

उन्होंने आगे कहा कि यह संग्रहालय सिर्फ जजों पर केंद्रित नहीं है, बल्कि इसमें संविधान के निर्माताओं और निडर वकीलों का भी योगदान दर्शाया गया है, जिन्होंने न्यायपालिका को मजबूती दी है। CJI ने उम्मीद जताई कि भविष्य में जज भी इस म्यूजियम के जरिए लोगों को कोर्ट रूम का असली अनुभव देंगे।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने कार्यक्रम में नहीं लिया हिस्सा

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की पुरानी जज लाइब्रेरी को इस नए संग्रहालय में परिवर्तित किया गया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति ने इस समारोह से दूरी बनाए रखी। एसोसिएशन ने पहले इस स्थान पर म्यूजियम बनाए जाने का विरोध किया था और यहाँ कैफेटेरिया की सुविधा बढ़ाने की मांग की थी, जिससे वकीलों की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

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