महाकालेश्वर मंदिर में कार्तिक सप्तमी पर विशेष आरती: त्रिशूल, त्रिनेत्र और भांग-चंदन से महाकाल का भव्य श्रृंगार

विशेष संवाददाता छमू गुरु की रिपोर्ट :
उज्जैन ( शिखर दर्शन ) // विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शुक्रवार, कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष सप्तमी पर सुबह 4 बजे मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले। श्रद्धालुओं के सामने भगवान महाकाल का विशेष अभिषेक किया गया। सबसे पहले जल से अभिषेक हुआ, जिसके बाद दूध, दही, घी, शहद, और फलों के रस से बने पंचामृत से भगवान का स्नान विधि-विधान के साथ संपन्न किया गया।
भगवान महाकालेश्वर का दिव्य श्रृंगार त्रिशूल, त्रिनेत्र, और भांग-चंदन से किया गया। साथ ही,
भस्म अर्पण कर महाकाल का भव्य रूप सजाया गया। इस अवसर पर महाकाल ने शेषनाग का रजत मुकुट, मुण्डमाल, और रुद्राक्ष की माला धारण की,
जिन पर सुगंधित पुष्पों से बनी माला भी सजाई गई। भगवान को फल और मिष्ठान का भोग भी अर्पित किया गया।
सुबह की भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और महाकाल के दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। भक्तों ने नंदी महाराज के कान में अपनी मनोकामनाएं कहकर महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर परिसर “बम-बम भोले” और “जय महाकाल” के जयकारों से गुंजायमान रहा, और श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था।