सुरगुजा में रेड अलर्ट : भारी बारिश के चलते गंगरेल डेम से पानी छोड़ा गया , बलरामपुर में बाढ़ की स्थिति पर प्रशासनिक नजर
रायपुर (शिखर दर्शन)// प्रदेश में पिछले चार दिनों से निरंतर अच्छी बारिश हो रही है, जिसके कारण सभी संभागों में नदी-नाले उफान पर हैं। कई गांवों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है, और शहरों में भी जलभराव के कारण जन-जीवन प्रभावित हो गया है। मौसम विभाग ने प्रदेश के 21 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जबकि सरगुजा संभाग के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
गंगरेल बांध से महानदी में 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जलस्तर बढ़ने पर और अधिक पानी छोड़ा जा सकता है,
जिससे महानदी का जलस्तर और बढ़ सकता है। इसी कारण जल प्रबंध विभाग ने नदी के किनारे बसे सभी गांवों में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया है।
अलर्ट जारी: भारी बारिश की चेतावनी…
मौसम विभाग ने सरगुजा संभाग के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर और कोरिया जिलों में भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इसके अतिरिक्त, जशपुर, सूरजपुर, बलरामपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, और कोरबा जिलों में भारी से अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है।
नागरिकों को सतर्क रहने और मौसम की स्थिति पर नजर बनाए रखने की सलाह दी गई है।
वहीं सरगुजा, बिलासपुर, रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, सक्ति, मुंगेली, जांजगीर, रायपुर, बलौदाबाजार, महासमुंद, दुर्ग, कबीरधाम, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई और राजनांदगांव जिले में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है ।
बलरामपुर में बाढ़ से प्रभावित जन-जीवन :
बलरामपुर जिले में हाल की बाढ़ ने जन-जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर दिया है। लगातार बारिश और नदियों के उफान से जिले के कई गांव जलमग्न हो गए हैं, जिससे लोगों की दैनिक गतिविधियाँ ठप हो गई हैं।
सड़कों पर पानी भर जाने से आवागमन कठिन हो गया है और कई स्थानों पर लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं। बाढ़ के कारण स्कूल और अस्पताल जैसी आवश्यक सेवाएँ भी बाधित हो गई हैं। राहत कार्यों में लगे विभागीय अधिकारी और स्वयंसेवी संगठन हर संभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन बाढ़ के व्यापक प्रभाव को देखते हुए उनकी कोशिशें पर्याप्त साबित नहीं हो पा रही हैं।
स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविर स्थापित किए हैं, लेकिन आवास और भोजन की व्यवस्था में कठिनाइयाँ सामने आ रही हैं। सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा सहायता सामग्री भेजी जा रही है, लेकिन वितरण में समस्याएँ बनी हुई हैं।
इस कठिन समय में लोगों की मदद के लिए समाजिक और सरकारी प्रयासों को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है। बलरामपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जन-जीवन को सामान्य स्थिति में लाने के लिए निरंतर राहत और पुनर्वास कार्य किए जा रहे हैं।
बलरामपुर जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर :
बलरामपुर जिले में पिछले 24 घंटों से हो रही निरंतर बारिश के कारण प्रमुख नदियां
—कन्हर, खरहरा, इरिया, और मोरन—खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इस अत्यधिक पानी के कारण कई गांवों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है और जिले के निचले इलाकों में घरों में पानी भर जाने से जन-जीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। इस संकट को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत सक्रिय हो कर राहत और बचाव कार्यों की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं।
प्रशासन बाढ़ प्रभावित इलाकों और उनके आस-पास के क्षेत्रों में लोगों के घरों को खाली करवा कर उन्हें सुरक्षित स्थलों पर स्थानांतरित कर रहा है। इसके अतिरिक्त, लोगों को नदी और नालों से दूर रहने की सलाह दी जा रही है, ताकि किसी संभावित बड़ी घटना से बचा जा सके।
रामानुजन से वाड्राफनगर सड़क मार्ग पर सिंदूर नदी के जल स्तर बढ़ने से पानी पुल के ऊपर से बह रहा है, जिससे आवाजाही पूरी तरह बंद है ।
रायपुर में जलभराव से आवाजाही हुई ठप :
राजधानी रायपुर के कई इलाके शुक्रवार रात से लगातार हो रही बारिश के कारण जलमग्न हो गए हैं। गुढ़ियारी में रेलवे ओवरब्रिज के नीचे दो फीट से अधिक पानी भर गया है,
जिससे लोगों की आवाजाही प्रभावित हो रही है। इसके अलावा, प्रोफेसर कॉलोनी और शहर के अन्य इलाकों में भी जलभराव की समस्या उभरकर सामने आई है। बरसात के कारण नालियों का पानी सड़कों पर फैल गया है, जिससे स्थानीय लोग गंदे पानी से भरे सड़कों पर चलने को मजबूर हो गए हैं।
मौसम विभाग ने शनिवार को रायपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में अच्छी बारिश की संभावना जताई है। इससे इन क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे स्थानीय लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। गंदे पानी से गुजरने के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।